जबलपुर। अखिल ब्रम्हांड की चेतना आद्या शक्ति जगत के सभी चरा-चर जीवों की उत्पत्ति का कारण है। सृष्टि की रचना उसके संचालन की ऊर्जा का केन्द्र शक्ति स्वरूपा ललिता त्रिपुर सुंदरी हैं। शक्ति मात्र आराधना, उपासना, तंत्र, पूजन, यज्ञ विधान तक सीमित नहीं है, अपितु व्यापक विविधता से परिपूर्ण है। जगत की प्राणवायु स्वरूप आद्या शक्ति पारंपरिक व आधुनिक विज्ञान सम्मत सतत् प्रक्रिया है। प्रकृति के इन्हीं गूढ़ रहस्यों के साथ आध्यात्मिक, दार्शनिक, पारंपरिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, आर्थिक, सामाजिक, मानवीय मूल्यों आदि के पक्ष को सरलता, सहजता के साथ विश्व पटल पर रखने का उद्देश्य इस काँफ्रेंस का है।
त्रिपुरी शोध पीठ के द्वारा आगामी 10 -11 एवं 12 अप्रैल को आभासी पटल (ऑनलाइन मोड) पर इस प्रथम इंटरनेशनल काँफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष सर्वं शक्तिमयम् 2024 की काँफ्रेंस आद्य शक्ति विषय पर आधारित है। दोपहर 1 बजे से प्रारंभ होने वाली इस काँफ्रेंस में द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज, स्वामी श्यामानंद महाराज जी, ब्रम्हचारी वेद चैतन्य जी, चिन्मय इंटरनेशनल फाउंडेशन, महामहिम राज्यपाल मणिपुर अनुसुइया उइके, पदमश्री निवेदिता आर. भिड़े विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी, सुश्री अमी गनात्रा, कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका, सुश्री निहारिका श्रीवास्तव, सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका, आचार्य गोविंद शरण उपाध्याय, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल प्रो. राम बहादुर शुक्ल, संस्कृत विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय, संरक्षक, प्रो. ए.डी.एन. बाजपेयी, माननीय कुलपति, अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय, बिलासपुर, श्री निरंद सिंह ठाकुर 'नीर', प्रोफेसर रबी नारायण कर, प्राचार्य, श्याम लाल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रोफेसर कुशा तिवारी निदेशक सरस्वती आई.के.एस. सेंटर श्याम लाल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, श्री आकाश कुमार सोनी, इंजीनियर इशिता धोपेश्वर, सैन जोस, कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका व अन्य मूर्धन्य वैदिक धर्माचार्य के साथ देश-विदेश के कुलगुरु (V.C.), प्रोफेसर, स्कालर्स, शोधार्थी, दार्शनिक, विचारक, वैदिक विद्वान वक्ता के रूप में शामिल हैं। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब लाइव के माध्यम से किया जायेगा। आयोजनकर्ता नितिन के. पटेल ने बताया कि इस इंटरनेशनल काँफ्रेंस में त्रिपुरी शोध पीठ के साथ श्यामलाल अग्रवाल कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी, जबलपुर नवरात्रि, नर्मदा संदेश, सिद्धत्व फाउण्डेशन, इतिहास संकलन समिति सह आयोजक हैं। अभी तक लगभग 30 से अधिक शोध पत्रों को समन्वय समिति ने मान्य किया है। शोध पत्रों के लिए प्रकाशित होने वाली शोध संक्षेपिका “त्रिपुरी” के प्रकाशन हेतु मध्यप्रदेश के राज्यपाल महामहिम मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी व अन्य विभूतियों के शुभकामना संदेश प्राप्त हो चुके हैं। श्री पटेल ने बताया कि त्रिपुरी शोध पीठ द्वारा जबलपुर में ऑफलाईन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, कार्यशाला आदि के कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।